राहुल के ‘डेड इकोनॉमी’ बयान पर थरूर बोले—टिप्पणी नहीं करूंगा, मेरी चिंता भारत-अमेरिका रणनीतिक रिश्तों को लेकर है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को राहुल गांधी के उस बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें राहुल ने ट्रम्प के “डेड इकोनॉमी” बयान का समर्थन किया था। थरूर ने कहा, “मैं अपने पार्टी नेता की बातों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। ऐसा कहने के उनके अपने कारण हैं।” हालांकि, थरूर ने भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि अमेरिका के साथ हमारी रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है। भारत हर साल अमेरिका को करीब 90 अरब डॉलर का निर्यात करता है, और इस व्यापारिक रिश्ते में कोई गिरावट भारत के हित में नहीं होगी।
टैरिफ विवाद पर थरूर के दो अहम सुझाव
भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद पर थरूर ने सरकार को दो महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि भारत को अपने व्यापार वार्ताकारों को एक निष्पक्ष और भारत हितैषी डील के लिए पूरी ताकत देनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को अमेरिका के अलावा अन्य बाजारों में भी बातचीत तेज करनी चाहिए, ताकि यदि अमेरिका में व्यापार कम होता है तो उसकी भरपाई अन्य जगहों से की जा सके। थरूर का यह संतुलित रुख बताता है कि वे घरेलू राजनीतिक बयानबाज़ी से ज्यादा विदेश नीति को लेकर चिंतित हैं।
राहुल का आरोप: मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को किया बर्बाद
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “भारत की इकोनॉमी मर चुकी है और इसे मोदी ने मार दिया।” राहुल ने मोदी-अडाणी की कथित पार्टनरशिप, नोटबंदी, दोषपूर्ण GST, असफल ‘असेंबल इन इंडिया’ नीति, MSMEs के पतन और किसानों की अनदेखी जैसे बिंदुओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि देश में नौकरियों की भारी कमी है और युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो चुका है।
भारत पर अमेरिका का 25% टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो अब 7 अगस्त से प्रभावी होगा। पहले यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, जिसे 7 दिन के लिए टाल दिया गया है। ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर टैरिफ के साथ रूस से हथियार और तेल खरीदने को लेकर जुर्माना भी लगाने की बात कही है। यह टैरिफ स्टील, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ज्वेलरी और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा।


