MP में इस सीजन का सबसे ताकतवर बारिश सिस्टम एक्टिव, 53 जिलों में रेड-ऑरेंज अलर्ट जारी।

रविवार, 27 जुलाई 2025 को मध्यप्रदेश में इस सीजन का सबसे ताकतवर बारिश सिस्टम सक्रिय हो गया है। लगातार तेज बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, कई डैम ओवरफ्लो की स्थिति में हैं और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन समेत कई शहरों और गांवों में जलभराव के चलते सड़कों पर आवागमन ठप हो गया है।
35 जिलों में अलर्ट, 53 पर चेतावनी
मौसम विभाग ने ग्वालियर, चंबल, भोपाल, सागर, रीवा, शहडोल और उज्जैन संभाग के 35 जिलों में अतिभारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मानसून द्रोणिका प्रदेश से होकर गुजर रही है, जिससे झमाझम बारिश का सिलसिला बना हुआ है। 53 जिलों में रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट घोषित किया गया है। प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
राज्य में एक्टिव हुआ सबसे ताकतवर बारिश सिस्टम
मध्यप्रदेश में मानसून ने अब तक का सबसे प्रबल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। शनिवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत 35 से ज्यादा जिलों में झमाझम बारिश हुई, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। कई इलाकों में घरों और दुकानों में पानी घुस गया, सड़कों पर यातायात ठप हो गया। नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और कई डैम अपनी क्षमता के करीब पहुंच चुके हैं। पूरे प्रदेश में बारिश का सिलसिला लगातार बना हुआ है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं।
53 जिलों में अलर्ट, बारिश में 50% की वृद्धि
रविवार को पूरे प्रदेश के 53 जिलों में रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है। खासतौर पर इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों में पहली बार एक साथ भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। प्रदेश में अब तक औसतन 23.7 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 50% अधिक है। ग्वालियर, श्योपुर और निवाड़ी जैसे जिलों में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है, जबकि इंदौर, शाजापुर और बुरहानपुर जैसे इलाके अब तक पिछड़ रहे हैं, लेकिन वहां भी अब भारी बारिश के आसार हैं।


