PM मोदी ने मालदीव को भारत का सबसे करीबी और भरोसेमंद पड़ोसी बताया। दोनों देशों के बीच हालिया समझौतों और आर्थिक सहयोग से रिश्तों में मजबूती आई है, जो पहले ‘इंडिया आउट’ विवाद के कारण तनावपूर्ण हो गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव दौरे के दूसरे दिन 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ भी मनाई गई। मालदीव को 26 जुलाई 1965 को ब्रिटेन से पूर्ण स्वतंत्रता मिली थी, और भारत पहला देश था जिसने उसकी संप्रभुता को मान्यता दी थी।
भारत-मालदीव ने 8 अहम समझौतों पर किए हस्ताक्षर
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच बातचीत के बाद कर्ज, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA), मत्स्य पालन, वॉटर कृषि, डिजिटल परिवर्तन, फार्माकॉपिया और UPI जैसे क्षेत्रों में कुल आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। दोनों नेताओं ने माले में बनाए गए नए रक्षा मंत्रालय भवन का उद्घाटन किया, जिसे भारत की सहायता से तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत मालदीव को एक पौधा भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
मोदी बोले– भारत मालदीव का सबसे करीबी और भरोसेमंद पड़ोसी
मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव की दोस्ती हमेशा प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है। चाहे महामारी हो या आर्थिक संकट, भारत ने हमेशा मालदीव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘सागर विजन’ में मालदीव की अहम भूमिका है।
रिश्तों में उतार-चढ़ाव के बाद फिर आई मजबूती
बीते वर्षों में भारत-मालदीव संबंधों में कई उतार-चढ़ाव आए, खासकर मुइज्जू के ‘इंडिया आउट’ कैंपेन के बाद। हालांकि दिसंबर 2023 में COP-28 सम्मेलन में पीएम मोदी और मुइज्जू की मुलाकात से रिश्तों में सुधार शुरू हुआ। 2024 में दोनों देशों के बीच करेंसी स्वैप डील और वित्तीय सहयोग के जरिए संबंध और मजबूत हुए। हालिया समझौतों में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और मछली पालन जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। अब दोनों देश द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहे हैं।



