पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने पहलगाम हमले में शामिल आतंकी संगठन TRF का बचाव करते हुए कहा कि इसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। जबकि अमेरिका पहले ही TRF को आतंकी संगठन घोषित कर चुका है। TRF लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट ग्रुप है और हाल ही में हुए पहलगाम हमले में इसकी संलिप्तता पाई गई थी। पाकिस्तान का यह रुख एक बार फिर उसकी दोहरी नीति को उजागर करता है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अपनी संसद में चौंकाने वाला बयान देते हुए खुलेआम आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) का समर्थन किया। उन्होंने न सिर्फ TRF पर लगे आरोपों को खारिज किया, बल्कि इस संगठन को निर्दोष बताते हुए कहा कि जब तक TRF खुद हमले की जिम्मेदारी नहीं लेता, तब तक उसे दोषी नहीं माना जा सकता। जबकि सच्चाई यह है कि TRF ने अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी खुद ली थी, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी।
UNSC से TRF का नाम हटवाने की पाकिस्तान ने की कोशिश
डार ने यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के उस बयान से TRF का नाम हटवाने में सक्रिय भूमिका निभाई, जिसमें पहलगाम हमले की निंदा की गई थी। उन्होंने कहा कि भले ही कई देशों ने पाकिस्तान को समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने TRF का बचाव करना जरूरी समझा। यह वही TRF है जिसे अमेरिका पहले ही लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी संगठन घोषित कर चुका है, और भारत व अमेरिका की एजेंसियों ने इसके सीधे आतंकी नेटवर्क से जुड़ाव की पुष्टि की है। पाकिस्तान का यह रुख एक बार फिर उसकी आतंकवाद पर दोहरी नीति को उजागर करता है।
अमेरिका ने TRF को घोषित किया आतंकी संगठन
18 जुलाई को अमेरिका ने ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को आधिकारिक रूप से फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन (FTO) और स्पेशली डेसिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (SDGT) घोषित कर दिया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि TRF लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट संगठन है और 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी इसने खुद ली थी। यह हमला 2008 के बाद भारत में सबसे बड़ा और घातक नागरिक हमला माना गया। अब TRF पर अमेरिका की कानूनी सीमा में आने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था से आर्थिक लेनदेन करने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
TRF का रिकॉर्ड चिंताजनक
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के इस ठोस कदम का स्वागत करते हुए इसे भारत-अमेरिका की आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी का प्रतीक बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “TRF को FTO और SDGT घोषित करने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिकी प्रशासन का आभार। आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस ही हमारा सिद्धांत है।” TRF पहले भी 2024 और 2025 में भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। यह संगठन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है, और जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाना इसका मुख्य उद्देश्य है।


