TMC ‘शहीद दिवस’ कार्यक्रम में व्यस्त है, जबकि AAP गुजरात सहित अन्य राज्यों में विस्तार अभियान में जुटी है। AAP का कहना है कि गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक सीमित था। वहीं, उमर अब्दुल्ला, ममता बनर्जी और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं ने भी गठबंधन की स्थिरता और नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। इसके बावजूद विपक्षी दलों का कहना है कि संसद में वे एकजुट रहेंगे।

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद I.N.D.I.A. गठबंधन की यह दूसरी बैठक आज शाम 7 बजे वर्चुअल माध्यम से आयोजित की जाएगी। बैठक में देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, आगामी मानसून सत्र, और विपक्षी रणनीति को लेकर चर्चा होगी। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस मीटिंग से दूरी बना ली है, जबकि पहले असमंजस में दिख रही तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने स्पष्ट किया है कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी बैठक में शामिल होंगे।
मानसून सत्र और बिहार पर रहेगी चर्चा
सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस बैठक को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन समेत कई नेताओं से संपर्क किया था। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है और बिहार में मतदाता सूची की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। गौरतलब है कि I.N.D.I.A. गठबंधन की पिछली बैठक 3 जून को हुई थी, जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की गई थी।
TMC और AAP ने बताई अपनी व्यस्तता
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 21 जुलाई को कोलकाता में आयोजित होने वाले ‘शहीद दिवस’ के कारण I.N.D.I.A. बैठक से दूरी बना ली है। पार्टी के नेता इस दिन कार्यक्रमों में व्यस्त रहेंगे। वहीं, AAP इस वक्त गुजरात और अन्य राज्यों में पार्टी विस्तार अभियान में जुटी है। साथ ही, AAP का मानना है कि I.N.D.I.A. गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव तक सीमित था और अब कांग्रेस से कई राज्यों में उसका सीधा राजनीतिक संघर्ष है। हालांकि, विपक्ष के अन्य नेताओं का कहना है कि संसद में विपक्ष की एकता बरकरार रहेगी, चाहे कुछ दल बैठकों से न जुड़ें।
गठबंधन को लेकर नेताओं में मतभेद
I.N.D.I.A. ब्लॉक की निरंतरता को लेकर कई विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए हैं। उमर अब्दुल्ला ने जनवरी 2025 में इसे बंद करने की बात कही थी, जबकि ममता बनर्जी ने दिसंबर 2024 में नाराज़गी जताते हुए कहा था कि उन्हें मौका मिले तो वे गठबंधन का नेतृत्व करने को तैयार हैं। उनकी इस टिप्पणी को शिवसेना (UBT) और सपा का समर्थन भी मिला था। वहीं, तेजस्वी यादव ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यह गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक के लिए था और कांग्रेस-AAP जैसे दलों के बीच मतभेद स्वाभाविक हैं। इन बयानों से यह स्पष्ट होता है कि गठबंधन भविष्य को लेकर असमंजस और नेतृत्व संकट से जूझ रहा है।


