मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025 के तहत “ओवरव्यू ऑफ अर्बन पॉलिसीज़ एंड इन्वेस्टमेंट ऑर्पाच्युनिटीज़” सत्र को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव (नगरीय विकास एवं आवास) संजय दुबे ने कहा कि एमपी की नीतियाँ, कुशल प्रशासन, हरित पर्यावरण और समर्पित मानव संसाधन निवेशकों के लिए राज्य को परफेक्ट इन्वेस्टर डेस्टिनेशन बनाते हैं। उन्होंने इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में निवेशकों से शहरी विकास में साझेदारी करने का आग्रह किया।

शहरी विकास के लिए तैयार की गई विशिष्ट नीतियाँ
दुबे ने बताया कि मध्यप्रदेश में ट्रांसपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर, सर्विस सेक्टर और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए विशिष्ट और व्यावहारिक नीतियाँ बनाई गई हैं। राज्य में रियल टाइम इन्वेस्टमेंट की व्यापक संभावनाएँ हैं। निवेशकों के लिए अनुमतियाँ ऑनलाइन प्रक्रिया से सुलभ हैं, और विभागीय जवाबदेही सुनिश्चित की गई है, जिससे पारदर्शिता और सुविधा दोनों मिलती हैं।
15,700 करोड़ के 93 प्रोजेक्ट्स जल्द होंगे शुरू
अपर मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि नगरीय विकास विभाग के तहत करीब 15,700 करोड़ रुपये के 93 प्रोजेक्ट्स प्रक्रियाधीन हैं। इन परियोजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए जल्द ही ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने एमपी की विभिन्न नीतियों जैसे रिडेंसिफिकेशन पॉलिसी, टीडीआर रूल्स, टीओटी पॉलिसी 2019 और इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी की प्रमुख विशेषताओं को निवेशकों के समक्ष रखा।
एमपी की इकॉनॉमिक ग्रोथ सबसे तेज: राघवेन्द्र सिंह
प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति देश के बड़े राज्यों में सबसे तेज़ है। इंदौर भारत के सबसे तेजी से विकसित हो रहे शहरों में शामिल है। उन्होंने बताया कि शहरीकरण और औद्योगीकरण को जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने विशेष रणनीति तैयार की है, जिससे अधोसंरचना और मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में प्रभावी परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने निवेशकों को लैंड बैंक, इंडस्ट्रियल पार्क और एमएसएमई/स्टार्टअप पॉलिसी के फायदों से भी अवगत कराया।
शहरी विकास में बढ़ रही रफ्तार: संकेत भोंडवे
नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त संकेत भोंडवे ने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में शहरी विकास की दिशा को लेकर राज्य गंभीरता से काम कर रहा है। उन्होंने ‘अमृत हरित महाभियान’ के जरिए पर्यावरण सुधार की पहल की जानकारी दी और कहा कि अर्बन मोबिलिटी राज्य की विकास योजनाओं का अहम हिस्सा है। रोपवे, मेट्रो और एक्सप्रेस-वे जैसे प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम किया जा रहा है, जिससे भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और नवाचार होंगे विकास के आधार
संकेत भोंडवे ने बताया कि राज्य में अधोसंरचना विकास को बूस्टर की तरह देखा जा रहा है। नागरिक सुविधाओं में डिजिटलीकरण के तहत डिजिटल लॉकर, बिजनेस लॉकर और आने वाले समय में डिजिटल वॉलेट जैसी सुविधाएं लागू की जाएंगी। सत्र में शांतनु शर्मा ने परिवहन क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों पर प्रकाश डाला, वहीं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग आयुक्त कांत बनोठ, एमपीआईडीसी के एमडी चंद्रमौली शुक्ला और कई रियल एस्टेट निवेशक व अधिकारी भी उपस्थित रहे।


