प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की राजधानी विंडहोक में ‘ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस’ से सम्मानित किया गया।

यह नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने स्टेट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी को प्रदान किया। बतौर प्रधानमंत्री, यह मोदी का 27वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड है। इस सम्मान के दौरान मोदी ने कहा कि वे इस सम्मान को पाकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और भारत-नामीबिया की दोस्ती को मजबूत बताया।
चीतों को लेकर जताया आभार
प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया की संसद को भी संबोधित किया और कहा कि भारत में 2022 में चीतों की वापसी में नामीबिया ने अहम भूमिका निभाई थी, जिसके लिए भारत हमेशा आभारी रहेगा। उन्होंने बताया कि नामीबिया से लाए गए चीते अब भारत में अच्छी तरह से बस चुके हैं और उनकी संख्या भी बढ़ी है। मोदी ने यह भी कहा कि भारत और नामीबिया की दोस्ती समय के साथ और मजबूत होगी, जैसे वहां का राष्ट्रीय पौधा ‘वेल्वित्शिया मिराबिलिस’।
नामीबिया में PM मोदी का ऐतिहासिक संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया की संसद में एक भावुक और ऐतिहासिक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि भारत को गर्व है कि वह नामीबिया की आजादी की लड़ाई में उसके साथ खड़ा रहा। मोदी ने याद दिलाया कि भारत ने आज़ादी से पहले ही संयुक्त राष्ट्र में दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका का मुद्दा उठाया था और नामीबिया में शांति सेना का नेतृत्व एक भारतीय जनरल ने किया था।
महिला नेतृत्व पर भारत-नामीबिया की साझी भावना
PM मोदी ने नामीबिया की पहली महिला राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी और कहा कि भारत इस खुशी को समझता है, क्योंकि भारत की भी राष्ट्रपति एक गरीब आदिवासी परिवार से हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे संविधान की ताकत है, जिसने हर वर्ग को आगे बढ़ने का अवसर दिया है।
तकनीक, स्वास्थ्य और व्यापार में मजबूत सहयोग
प्रधानमंत्री ने नामीबिया को भारत की तकनीक और स्वास्थ्य सेवाओं में साझेदारी का प्रस्ताव दिया। भारत भाभाट्रॉन रेडियोथेरेपी मशीन देकर कैंसर के इलाज में मदद करेगा और जन औषधि योजना के जरिए सस्ती दवाइयों की सुविधा भी साझा करेगा। साथ ही, नामीबिया अब भारत की UPI तकनीक अपनाने वाला पहला देश बन गया है, जिससे दोनों देशों के बीच डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा।


