तीसरे दिन अमरनाथ यात्रा में 21,109 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन किए। इनमें 16,159 पुरुष, 3,921 महिलाएं, 226 बच्चे, 250 साधु, 29 साध्वी, 521 सुरक्षाबल के जवान और 3 ट्रांसजेंडर श्रद्धालु शामिल थे। अब तक तीन दिनों में कुल 47,972 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। श्रद्धालुओं का चौथा जत्था भी गांदरबल के बालटाल और अनंतनाग के पहलगाम स्थित नुनवान बेस कैंप पहुंच चुका है।

रामबन में बस हादसा, 36 श्रद्धालु घायल
शनिवार को रामबन जिले के चंदरकोट लंगर के पास अमरनाथ यात्रियों के काफिले की चार बसें आपस में टकरा गईं। हादसे में करीब 36 यात्री घायल हो गए। दुर्घटना उस समय हुई जब एक बस के ब्रेक फेल हो गए और वह नियंत्रण खो बैठी, जिससे पीछे चल रही तीन अन्य बसें भी आपस में भिड़ गईं। सभी घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने राहत कार्य तेजी से शुरू किया।
अब तक 3.5 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन
अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक 3.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। यह यात्रा 38 दिनों तक पहलगाम और बालटाल दोनों रूट से जारी रहेगी और 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन इसका समापन होगा। जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा जैसे सेंटरों पर रोजाना लगभग 2,000 तीर्थयात्रियों का पंजीकरण किया जा रहा है। पिछले वर्ष यात्रा 52 दिन चली थी, जिसमें करीब 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे।
सुरक्षा से लेकर सुविधाओं तक चाक-चौबंद इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 581 सुरक्षा कंपनियों को तैनात किया गया है, जिनमें CRPF, BSF, CISF और अन्य बल शामिल हैं। बालटाल से गुफा तक हर दो किलोमीटर पर मेडिकल कैंप लगाए गए हैं और हर 50 मीटर पर एक जवान मौजूद है। इस बार यात्रा मार्ग पर चार स्टैंड बनाए गए हैं और पैदल, घोड़े या पालकी से यात्रा करने वालों के लिए अलग-अलग रास्ते तय किए गए हैं। तीर्थयात्रियों के अनुसार खाने, शौचालय और रहने की व्यवस्था काफी संतोषजनक है। धार्मिक आस्था से जुड़ी यह यात्रा बालटाल रूट से सरल है, जबकि पहलगाम रूट प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, हालांकि उसका रास्ता अपेक्षाकृत कठिन और पथरीला है।


