सीएम रेखा गुप्ता ने ‘विकसित दिल्ली मुख्यमंत्री इंटर्नशिप कार्यक्रम’ शुरू किया, 150 युवाओं को तीन माह तक ₹20,000 मासिक मानदेय मिलेगा; साथ ही सचिवालय में नया MLA लाउंज भी उद्घाटित किया।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘विकसित दिल्ली मुख्यमंत्री इंटर्नशिप कार्यक्रम’ की शुरुआत करते हुए युवाओं को सरकार के साथ काम करने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। यह योजना न केवल रोजगार का साधन है, बल्कि युवाओं को शासन व्यवस्था, नीतिगत चुनौतियों और समाधान खोजने की क्षमता विकसित करने का मंच भी देती है। कार्यक्रम के तहत 150 होनहार युवाओं का चयन होगा, जिन्हें तीन महीनों तक विभिन्न विभागों और अधिकारियों के साथ कार्य करने का अवसर मिलेगा। हर चयनित इंटर्न को ₹20,000 मासिक मानदेय दिया जाएगा।
पारदर्शी चयन प्रक्रिया से उभरेगा श्रेष्ठ नेतृत्व
मुख्यमंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि चयन प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और प्रामाणिक बनाया गया है, जिससे वास्तविक प्रतिभा और नेतृत्व क्षमता रखने वाले युवा सामने आ सकें। ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से युवाओं की सोच, नागरिक दृष्टिकोण, प्रशासनिक समझ और नेतृत्व कौशल का मूल्यांकन किया जाएगा। यह पहल युवाओं को न केवल अनुभव देगी, बल्कि उन्हें राजधानी के भविष्य निर्माण में सक्रिय भागीदार भी बनाएगी।
‘विकसित दिल्ली’ के लिए तैयार होंगे यूथ एम्बेसडर
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा शुरू किए गए इंटर्नशिप कार्यक्रम की चयन प्रक्रिया को बहुपर्यायी और व्यावहारिक बनाया गया है। पहले चरण में 300 अभ्यर्थियों को एक दिवसीय कैंप में आमंत्रित किया जाएगा, जहां संवाद, कार्यशालाओं और निबंध लेखन के माध्यम से अंतिम 150 युवाओं का चयन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का एक प्रमुख उद्देश्य “विकसित दिल्ली एम्बेसडर” तैयार करना है, जो राजधानी के भविष्य को दिशा देने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे और प्रशासनिक दृष्टिकोण से समृद्ध होंगे।
विधायकों के लिए सुविधाजनक वातावरण
दिल्ली सचिवालय में वर्षों बाद नवनिर्मित एमएलए लाउंज का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जनप्रतिनिधियों को बेहतर कार्यस्थल देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों ने संवाद की बजाय अलगाव की नीति अपनाई, जिससे यह लाउंज बंद कर दिया गया था। अब इस सुसज्जित और शांत वातावरण वाले लाउंज से विधायक न केवल अधिकारियों से बेहतर संवाद कर सकेंगे, बल्कि अपने क्षेत्र की समस्याओं पर अधिक प्रभावी ढंग से काम कर पाएंगे। यह व्यवस्था बदलाव का संकेत है, जो विधायकों की भूमिका को और अधिक प्रभावशाली बनाएगी।


